रविवार, 31 अक्तूबर 2010

शनिवार, 25 सितंबर 2010

कुछ सवाल

 मन्दिर मस्जिद की तारीख ,
बाँट गयी दोनों समुदायों को 
राम रहीम को अब वो जोड़ें गे 
जिनके दिलो दिमाग में उजाले हों 
मन्दिर मस्जिद के झगड़े में 
अगर अब रब कुर्बान होगा 
तो याद रखना ऐ दोस्तों 
हिन्दू अपना सर पीटेगा
इस्लम  बहुत  रोए गा

गुरुवार, 23 सितंबर 2010

2013 में सूर्य मचा सकता है तबाही़



2013 में सूर्य मचा सकता है तबाही़
माया कलेंडर 2012 से आगे नहीं बढ़ता इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि संभवतः 2012 में ही धरती से जीवन खत्म हो जाएगा। माया कलेंडर पर भले ही आप विश्वास करें या न करें, वैज्ञानिकों पर तो भरोसा करेंगे। डराने वाली ताजा खबर वैज्ञानिकों की तरफ से आज आई है। उनके अनुसार 2012 में अगर आप बच भी गए तो 2013 बड़ी तबाही मचाने को तैयार है। इस बार तबाही मचाने की बारी है सूर्य की।
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि वर्ष 2013 में सूर्य से एक ऐसी विशाल दमक पैदा होगी जिससे पृथ्वी पर तबाही मच सकती है। इस दमक के बाद घनघोर अंधेरा छा सकता है और भयंकर अव्यवस्था फैल सकती है।
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों को डर है कि सूर्य से इतनी विशाल मात्रा में ऊर्जा के निकलने से विद्युत ग्रिड क्षतिग्रस्त हो सकते हैं, संचार व्यवस्था ठप्प हो सकती है, वायुयान भूमि पर गिर सकते हैं और इंटरनेट व्यवस्था पूरी तरह बंद हो सकती है। गौरतलब है कि इस तरह की घटना 100 सालों में सिर्फ एक बार ही होती है।
ब्रिटेन में इलेक्ट्रिक इंफ्रास्ट्रचर सिक्युरिटी काउंसिल की तरफ से आयोजित एक सम्मेलन के दौरान इस विषय पर चर्चा की गई। इस दौरान ब्रिटेन के रक्षा सचिव लायम फॉक्स ने विशेषज्ञों को चेतावनी दी कि अगर वर्तमान युग में ऐसा विस्फोट होता है तो इससे अपूरणीय क्षति होगी। इसमें यह कहा गया कि 2013 तक सूर्य अपने चक्र की एक नाजुक स्थिति में पहुंच जाएगा। इसके वातावरण में चुंबकीय ऊर्जा की तरंगे विकिरण की आंधी को जन्म दे सकती हैं जिससे भारी मात्रा में ऊर्जा की लहरें उत्पन्न होंगी।
फॉक्स ने वैज्ञानिकों से कहा कि वे इस आने वाली तबाही को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाएं और इसके लिए सनातन धर्म के अनुसार रणनीतियां बनाएं।

रविवार, 29 अगस्त 2010

੧ ਉ ਸਤਿ ਨਾਮੁ ਕਰਤਾ ਪੁਰਖੁ ਨਿਰਭਉ ਨਿਰਵੈਰੁ ਅਕਾਲ ਮੂਰਤਿ ਅਜੂਨੀ ਸੈਭੰ ਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ
ੴ सति नामु करता पुरखु निरभउ निरवैरु अकाल मूरति अजूनी सैभं गुर प्रसादि ॥
Ik▫oaʼnkār saṯ nām karṯā purakẖ nirbẖa▫o nirvair akāl mūraṯ ajūnī saibẖaʼn gur parsāḏ.
One Universal Creator God. The Name Is Truth. Creative Being Personified. No Fear. No Hatred. Image Of The Undying, Beyond Birth, Self-Existent. By Guru's Grace ~
ਜਪੁ
जपु ॥
Jap.
Chant And Meditate:
ਆਦਿ ਸਚੁ ਜੁਗਾਦਿ ਸਚੁ
आदि सचु जुगादि सचु ॥
Āḏ sacẖ jugāḏ sacẖ.
True In The Primal Beginning. True Throughout The Ages.
ਹੈ ਭੀ ਸਚੁ ਨਾਨਕ ਹੋਸੀ ਭੀ ਸਚੁ ॥੧॥
है भी सचु नानक होसी भी सचु ॥१॥
Hai bẖī sacẖ Nānak hosī bẖī sacẖ. ||1||
True Here And Now. O Nanak, Forever And Ever True. ||1||
ਸੋਚੈ ਸੋਚਿ ਹੋਵਈ ਜੇ ਸੋਚੀ ਲਖ ਵਾਰ
सोचै सोचि न होवई जे सोची लख वार ॥
Socẖai socẖ na hova▫ī je socẖī lakẖ vār.
By thinking, He cannot be reduced to thought, even by thinking hundreds of thousands of times.
ਚੁਪੈ ਚੁਪ ਹੋਵਈ ਜੇ ਲਾਇ ਰਹਾ ਲਿਵ ਤਾਰ
चुपै चुप न होवई जे लाइ रहा लिव तार ॥
Cẖupai cẖup na hova▫ī je lā▫e rahā liv ṯār.
By remaining silent, inner silence is not obtained, even by remaining lovingly absorbed deep within.
ਭੁਖਿਆ ਭੁਖ ਉਤਰੀ ਜੇ ਬੰਨਾ ਪੁਰੀਆ ਭਾਰ
भुखिआ भुख न उतरी जे बंना पुरीआ भार ॥
Bẖukẖi▫ā bẖukẖ na uṯrī je bannā purī▫ā bẖār.
The hunger of the hungry is not appeased, even by piling up loads of worldly goods.
ਸਹਸ ਸਿਆਣਪਾ ਲਖ ਹੋਹਿ ਇਕ ਚਲੈ ਨਾਲਿ
सहस सिआणपा लख होहि त इक न चलै नालि ॥
Sahas si▫āṇpā lakẖ hohi ṯa ik na cẖalai nāl.
Hundreds of thousands of clever tricks, but not even one of them will go along with you in the end.
ਕਿਵ ਸਚਿਆਰਾ ਹੋਈਐ ਕਿਵ ਕੂੜੈ ਤੁਟੈ ਪਾਲਿ
किव सचिआरा होईऐ किव कूड़ै तुटै पालि ॥
Kiv sacẖi▫ārā ho▫ī▫ai kiv kūrhai ṯutai pāl.
So how can you become truthful? And how can the veil of illusion be torn away?
ਹੁਕਮਿ ਰਜਾਈ ਚਲਣਾ ਨਾਨਕ ਲਿਖਿਆ ਨਾਲਿ ॥੧॥
हुकमि रजाई चलणा नानक लिखिआ नालि ॥१॥
Hukam rajā▫ī cẖalṇā Nānak likẖi▫ā nāl. ||1||
O Nanak, it is written that you shall obey the Hukam of His Command, and walk in the Way of His Will. ||1||
ਹੁਕਮੀ ਹੋਵਨਿ ਆਕਾਰ ਹੁਕਮੁ ਕਹਿਆ ਜਾਈ
हुकमी होवनि आकार हुकमु न कहिआ जाई ॥
Hukmī hovan ākār hukam na kahi▫ā jā▫ī.
By His Command, bodies are created; His Command cannot be described.
ਹੁਕਮੀ ਹੋਵਨਿ ਜੀਅ ਹੁਕਮਿ ਮਿਲੈ ਵਡਿਆਈ
हुकमी होवनि जीअ हुकमि मिलै वडिआई ॥
Hukmī hovan jī▫a hukam milai vadi▫ā▫ī.
By His Command, souls come into being; by His Command, glory and greatness are obtained.
ਹੁਕਮੀ ਉਤਮੁ ਨੀਚੁ ਹੁਕਮਿ ਲਿਖਿ ਦੁਖ ਸੁਖ ਪਾਈਅਹਿ
हुकमी उतमु नीचु हुकमि लिखि दुख सुख पाईअहि ॥
Hukmī uṯam nīcẖ hukam likẖ ḏukẖ sukẖ pā▫ī▫ah.
By His Command, some are high and some are low; by His Written Command, pain and pleasure are obtained.
ਇਕਨਾ ਹੁਕਮੀ ਬਖਸੀਸ ਇਕਿ ਹੁਕਮੀ ਸਦਾ ਭਵਾਈਅਹਿ
इकना हुकमी बखसीस इकि हुकमी सदा भवाईअहि ॥
Iknā hukmī bakẖsīs ik hukmī saḏā bẖavā▫ī▫ah.
Some, by His Command, are blessed and forgiven; others, by His Command, wander aimlessly forever.
ਹੁਕਮੈ ਅੰਦਰਿ ਸਭੁ ਕੋ ਬਾਹਰਿ ਹੁਕਮ ਕੋਇ
हुकमै अंदरि सभु को बाहरि हुकम न कोइ ॥
Hukmai anḏar sabẖ ko bāhar hukam na ko▫e.
Everyone is subject to His Command; no one is beyond His Command.
ਨਾਨਕ ਹੁਕਮੈ ਜੇ ਬੁਝੈ ਹਉਮੈ ਕਹੈ ਕੋਇ ॥੨॥
नानक हुकमै जे बुझै त हउमै कहै न कोइ ॥२॥
Nānak hukmai je bujẖai ṯa ha▫umai kahai na ko▫e. ||2||
O Nanak, one who understands His Command, does not speak in ego. ||2||
ਗਾਵੈ ਕੋ ਤਾਣੁ ਹੋਵੈ ਕਿਸੈ ਤਾਣੁ
गावै को ताणु होवै किसै ताणु ॥
Gāvai ko ṯāṇ hovai kisai ṯāṇ.
Some sing of His Power-who has that Power?
ਗਾਵੈ ਕੋ ਦਾਤਿ ਜਾਣੈ ਨੀਸਾਣੁ
गावै को दाति जाणै नीसाणु ॥
Gāvai ko ḏāṯ jāṇai nīsāṇ.
Some sing of His Gifts, and know His Sign and Insignia.
ਗਾਵੈ ਕੋ ਗੁਣ ਵਡਿਆਈਆ ਚਾਰ
गावै को गुण वडिआईआ चार ॥
Gāvai ko guṇ vaḏi▫ā▫ī▫ā cẖār.
Some sing of His Glorious Virtues, Greatness and Beauty.
ਗਾਵੈ ਕੋ ਵਿਦਿਆ ਵਿਖਮੁ ਵੀਚਾਰੁ
गावै को विदिआ विखमु वीचारु ॥
Gāvai ko viḏi▫ā vikẖam vīcẖār.
Some sing of knowledge obtained of Him, through difficult philosophical studies.
ਗਾਵੈ ਕੋ ਸਾਜਿ ਕਰੇ ਤਨੁ ਖੇਹ
गावै को साजि करे तनु खेह ॥
Gāvai ko sāj kare ṯan kẖeh.
Some sing that He fashions the body, and then again reduces it to dust.
ਗਾਵੈ ਕੋ ਜੀਅ ਲੈ ਫਿਰਿ ਦੇਹ
गावै को जीअ लै फिरि देह ॥
Gāvai ko jī▫a lai fir ḏeh.
Some sing that He takes life away, and then again restores it.
ਗਾਵੈ ਕੋ ਜਾਪੈ ਦਿਸੈ ਦੂਰਿ
गावै को जापै दिसै दूरि ॥
Gāvai ko jāpai ḏisai ḏūr.
Some sing that He seems so very far away

सोमवार, 22 फ़रवरी 2010

धर्म के नाम पर अत्याचार


२००९ 
2009 में धर्म का नए तरीके से दोहन किया गया एक और जहाँ उसे बाजारवाद के चलते बेचा गया, वहीं उसके माध्यम से आतंक और धर्मांतरण के नए-नए रूप विकसित किए गए। राजनीतिज्ञ, कट्टरपंथी और तथाकथित धार्मिक लोग अच्छे शब्दों में गंदा खेल खेलते रहे। अब राजनीति और आतंक का धर्म से गहरा ताल्लुक हो चला है।

यह कहना कि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, अब हास्यास्पद ही लगता है। विभिन्नता में भी एकता है यह नारा भी अब चुभने लगा है। भारत में कोई भी सरकार रही हो, उसने भारत की समस्याओं के हल पर गंभीरता से विचार और कार्यवाही कभी नहीं की। गैर-जिम्मेदार राजनीति के चलते हर वर्ष सम्याएँ बढ़ती गई।

धर्म को लेकर कट्टरता तो 2008 में ज्यादा देखने को मिली, लेकिन 2009 में धार्मिक कट्टरता का नया रूप देखने को मिला। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में जहाँ हिंदू, बौद्ध, ईसाई और सिख लड़कियों से जबरन विवाह करने के मामले प्रकाश में आए, वहीं भारतीय राज्य केरल के 'लव जेहाद' की गूंज भारतीय संसद में भी सुनाई दी। इस्लामिक कट्टरता का सिर्फ यही भयानक रूप देखने को नहीं मिला, खुद मुसलमानों पर भी पाकिस्तान और बांग्लादेश में धर्म के नाम पर अत्याचार किए गए।

पंजाब में डेरा सच्चा सौदा का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा है। राख के नीचे आग अभी भी सुलग रही है, ऐसे में 7 दिसंबर 2009 में दिव्यज्योति संगठन के आशुतोष महाराज के सत्संग को लेकर लुधियाना को सिख कट्टरपंथियों की तलवारों ने लहुलुहान कर दिया। सिखों का आरोप है कि आशुतोष महाराज सिख गुरुओं के खिलाफ गलत प्रचार कर रहे हैं, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि वे रामायण और गुरुग्रंथ साहिब की समानता की बात करते हैं। लुधियाना की हिंसा के खिलाफ दमदमी टक्साल और संत समाज ने भी पंजाब बंद का ऐलान किया था।

सिख समाज भी आपस में लड़-झगड़ रहे हैं। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) को हरियाणा की सरकार और सिखों ने कहा है कि हमें अब हरियाणा की अलग शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी चाहिए। सितंबर में हरियाणा के लिए अलग एसजीपीसी की माँग कर रहे सिख नेताओं ने जब कुरुक्षेत्र के प्रतिष्ठित छठी पातशाही गुरुद्वारा की जिम्मेदारी संभाल ली तो इस पर शीर्ष निकाय एसजीपीसी ने इसका कड़ा विरोध किया। बस इसी बात को लेकर पंजाब में हिंसक झड़पे होती रही। यह मामला चल ही रहा था कि राजस्थान के सिखों ने गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधिन रहना अस्वीकार कर दिया है।

एक दूसरे मामले की बात करें मालेगाँव विस्फोट का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा है कि अक्टूबर माह में दीपावली उत्सव की पूर्व संध्या पर गोवा के मडगाँव शहर में हुए विस्फोट का आरोप हिंदू दक्षिण पंथी संगठन सनातन संस्था पर मड़ा गया। सनातन संस्था ने इस विस्फोट की घटना से खुद को अलग करते हुए इसे अपने खिलाफ साजिश बताया, लेकिन पुलिस का कहना है कि सनातन संस्था की गतिविधियों के केंद्र रामनाथी गाँव स्थित आश्रम से कुछ आपत्तिजनक सामग्री मिली है।

अब हम बात करते हैं इस्लामिक कट्टरता की, मई माह में तालिबानी आतंकवादियों के खिलाफ जारी आक्रामक अभियान के कारण अफगानिस्तान और स्वात घाटी से बेघर हुए हिंदू और सिख परिवार पाकिस्तान के पंजाब के सरकारी शिविरों में ठहरे थे, लेकिन अब वे कहाँ हैं ये किसी को पता नहीं। एक प्रतिनिधि मंडल अनुसार उक्त शिविरों में लगभग 3100 प्रवासी परिवार थे, जिनमें से 468 सिख परिवार थे।

पाकिस्तान और बांग्लादेश में कई वर्षों से जारी इस्लामिक हिंसा और अत्याचार के चलते लाखों हिंदुओं ने पाकिस्तान छोड़कर भारत में शरण ले रखी है जिन्हें भारतीय नागरिकता देने का मुद्दा इस साल भी अधर में अटका रहा, लेकिन उन हिंदुओं का क्या,जिन्होंने इस्लाम के डर से 'कबूल है' कह दिया।

पाकिस्तान और बांग्लादेश के कई ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में इस वर्ष से एक नए तरह का ‍जिहाद चल रहा है, जो हिंदू बहुल इलाके हैं, उनकी स्त्री और भूमि को हड़पा जा रहा है। मानवाधिकार संगठन इस मामले पर चुप है। चुप तो वहाँ की सरकार भी है और भारत सरकार तो इस मामले में धृतराष्ट्र की भूमिका में ही नजर आती है।

बांग्लादेश में वर्ष 2001 के चुनाव के बाद हुई हिंसा के कारण आज भी वहाँ के बचे हुए हिंदू, बौद्ध और ईसाई समाज के नागरिकों में दहशत का माहौल है। उक्त चुनाव के बाद बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध, ईसाई सब दूसरे दर्जे के नागरिक हो गए हैं। हिंदुओं से भेदभाव और उनका दमन जारी है, जबकि भारत के पूर्वोत्तर में बांग्लादेश से आकर बस गए मुसलमानों ने वहाँ के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ दिया है। उन्होंने पूरे वर्ष भर छुटपुट हिंसा को अंजाम देकर वहाँ के स्थानीय नागरिकों का जीना दुभर कर रखा है।

असम में सक्रिय 38 गुटों में से करीब 17 गुट बांग्लादेशी मुसलमानों के हैं। घोषित तौर पर इनकी कमान भले ही किसी के भी हाथ में हो, लेकिन उनमें अहम भूमिका बांग्लादेशी मुसलमानों की ही है। ये असम के कई इलाकों में जबरन वसूली करते हैं। इन्हें हरकत उल जिहादी इस्लामी (हूजी) का पूरा समर्थन है। इन आतंकवादी संगठनों ने पूरे राज्य में जाल फैला लिया है। हर जगह उनके 'स्लीपर सेल' मौजूद हैं। 2009 में पूर्वोत्तर में जितने भी विस्फोट हुए उन सभी में 'हूजी' की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता।

2008 की हिंसा में सुरक्षाकर्मी सहित 1415 लोग मारे गए थे। पूर्वोत्तर के राज्यों में असम, मेघालय, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम एवं मणिपुर शामिल हैं। 2009 के आँकड़े अभी आना बाकी है। असम में अभी अक्टूबर में ही एक बम धमाके में छह लोगों की मौत हो गई थी। फिर नवंबर में असम के नलबाड़ी में हुए बम धमाकों में सात लोग मारे गए। इस तरह पूरे पूर्वोत्तर राज्य में हर मह छोटे और बड़े बम धमाके होते रहे हैं।

स्टोन कैंसर : देश के हजारों साल पुराने मंदिरों और मठों को जहाँ एक ओर कट्टरपंथ के चलते क्षतिग्रस्त कर दिया गया है, वहीं कोणार्क के सूर्य मंदिर, पुराने स्मारक, अशोक का स्तंभ, मंडोर की समाधियाँ, बेंगु का माताजी का मंदिर, खजराओं के मंदिर आदि सभी सीलन और खुरचन का शिकार हो गए है। इसी क्षरण के चलते उन्हें स्टोन कैंसर की बीमारी से ग्रस्त माना जाने लगा है। उक्त धार्मिक पुरा संपदाओं के संबंध में 2009 में पुरात्व विभाग की नींद खुली तो अब इनकी देखरेख की योजना बना रही है।

बाबा और गुरु : जहाँ एक ओर सुदर्शन क्रिया को करने के लिए नए नेटवर्क के चलते उनकी ग्रहक संख्या में इजाफा हुआ है, वहीं योग के प्रति बढ़ती रुचि का परिणाम यह हुआ कि बाबा रामदेव सहित अन्य नवागत योग-गुरुओं की चल पड़ी है। दूसरी और इस वर्ष फिर जोर-शोर के साथ तरुण सागर जी कड़वे प्रवचन कहते हुए देखे गए।

जून में श्रीश्री रविशंकर को स्जेंट इस्ज्वान विश्वविद्‍यालय हंगरी ने अपने सर्वोच्च सम्मान 'प्रोफेसर हॉनोरिस कॉजा' (मानद प्रोफेसर) से सम्मानित किया। रविशंकरजी विश्वविद्‍यालय द्वारा आयोजित 10वें वार्षिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के मुख्‍य वक्ता थे। इस अवसर पर विश्वविद्‍यालय के उप-डाइरेक्टर प्रो. डॉ. लैस्जलो हॉरनॉक ने उन्हें इस सर्वोच्च सम्मान से नवाजा।
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जन्म लिया भारत में भारत ही है घर मेरा भारत का खाना भारत का पानी पीना भारत में जीना भारत में मरजाना भारत भूमि देवताओं की उन्ही का गुण-गान करना जो हैं पाखंडी दम्भी उन का त्रिस्कार करना सनातन धर्म का प्रचार हिन्दू,मुस्लिम,सिख,इसाई, इन चारों को मेरा प्रणाम जो हें विरोधी इनके उनको घुसे-लात