शनिवार, 25 सितंबर 2010

कुछ सवाल

 मन्दिर मस्जिद की तारीख ,
बाँट गयी दोनों समुदायों को 
राम रहीम को अब वो जोड़ें गे 
जिनके दिलो दिमाग में उजाले हों 
मन्दिर मस्जिद के झगड़े में 
अगर अब रब कुर्बान होगा 
तो याद रखना ऐ दोस्तों 
हिन्दू अपना सर पीटेगा
इस्लम  बहुत  रोए गा

गुरुवार, 23 सितंबर 2010

2013 में सूर्य मचा सकता है तबाही़



2013 में सूर्य मचा सकता है तबाही़
माया कलेंडर 2012 से आगे नहीं बढ़ता इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि संभवतः 2012 में ही धरती से जीवन खत्म हो जाएगा। माया कलेंडर पर भले ही आप विश्वास करें या न करें, वैज्ञानिकों पर तो भरोसा करेंगे। डराने वाली ताजा खबर वैज्ञानिकों की तरफ से आज आई है। उनके अनुसार 2012 में अगर आप बच भी गए तो 2013 बड़ी तबाही मचाने को तैयार है। इस बार तबाही मचाने की बारी है सूर्य की।
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि वर्ष 2013 में सूर्य से एक ऐसी विशाल दमक पैदा होगी जिससे पृथ्वी पर तबाही मच सकती है। इस दमक के बाद घनघोर अंधेरा छा सकता है और भयंकर अव्यवस्था फैल सकती है।
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों को डर है कि सूर्य से इतनी विशाल मात्रा में ऊर्जा के निकलने से विद्युत ग्रिड क्षतिग्रस्त हो सकते हैं, संचार व्यवस्था ठप्प हो सकती है, वायुयान भूमि पर गिर सकते हैं और इंटरनेट व्यवस्था पूरी तरह बंद हो सकती है। गौरतलब है कि इस तरह की घटना 100 सालों में सिर्फ एक बार ही होती है।
ब्रिटेन में इलेक्ट्रिक इंफ्रास्ट्रचर सिक्युरिटी काउंसिल की तरफ से आयोजित एक सम्मेलन के दौरान इस विषय पर चर्चा की गई। इस दौरान ब्रिटेन के रक्षा सचिव लायम फॉक्स ने विशेषज्ञों को चेतावनी दी कि अगर वर्तमान युग में ऐसा विस्फोट होता है तो इससे अपूरणीय क्षति होगी। इसमें यह कहा गया कि 2013 तक सूर्य अपने चक्र की एक नाजुक स्थिति में पहुंच जाएगा। इसके वातावरण में चुंबकीय ऊर्जा की तरंगे विकिरण की आंधी को जन्म दे सकती हैं जिससे भारी मात्रा में ऊर्जा की लहरें उत्पन्न होंगी।
फॉक्स ने वैज्ञानिकों से कहा कि वे इस आने वाली तबाही को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाएं और इसके लिए सनातन धर्म के अनुसार रणनीतियां बनाएं।

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जन्म लिया भारत में भारत ही है घर मेरा भारत का खाना भारत का पानी पीना भारत में जीना भारत में मरजाना भारत भूमि देवताओं की उन्ही का गुण-गान करना जो हैं पाखंडी दम्भी उन का त्रिस्कार करना सनातन धर्म का प्रचार हिन्दू,मुस्लिम,सिख,इसाई, इन चारों को मेरा प्रणाम जो हें विरोधी इनके उनको घुसे-लात