बुधवार, 8 जुलाई 2009

नया शोशा

सनातन धर्म के विरोध में नित्य नये प्रहार किए जाते हें ;आज कल माननीय न्यायेयाल्ये द्वारा ऐसा फेसला आगया हे जो भारतीय शुद्ध संस्कृति पर असहनीय प्रहार कहा जा सकता हे ;स्म्लेंगिकता पर आया यह फेसला इतना भी विरोध के योग्य न होता यदि सनातन नियमों को ध्यान में रखा गया होता सनातन धर्म पति पत्नी को भी सार्वजनिक तोर पर सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी अश्लीलता को स्वीकार नही करता हे इसी सिधांत को समझाने हेतु कहावत बनी की गुड यदि घर का ही क्यों नहो छुपा कर खाना चाहिए परन्तु इस विषय को टी.वी.पर मुर्खता पूर्ण ढंग से प्रसारित किया गया रामदेव नामक योग गुरु को जूते खाने के लिए बिठा दिया गया खूब भिगो -भिगो कर जूते मारे गये राम देव की भी मुर्ख ता देखिये यो तो धर्म शास्त्रों को मानो समझते ही नही हें उनको शायद पता ही नही की प्रकृति का नियम हे की उस में परिवर्तन होना ही हे सो होगया आज जब प्रकृतिक परिवर्तन हो गया तब धर्म गुरु नींद से जाग उठे अपना सिहासन डोलता देख इनको आज समाज को शक्षित करने की जरूरत समझ में आई जरा अतीत में जाकर देखे सिवाए धन इकट्ठा करने के इन पाखंडियों ने समाज को कितना उन की सांस्कृतिक धरोहर को सहेज कर रखा हे ऊची-ऊँची स्टेजे जो राजा महाराजाओं के लिए बनती थीं आज संतों के लिए बनतीं हें इस परिवर्तन को तो रोका नही गया जमीन पर आसन लगाने वाले धर्म गुरु सिघासनो पर बैठ ने ल्ग्गये यह तो वही बात हुई की एक शराबी अन्य shrabiyon से khe की shrab pini buri बात होती हे ?

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gita

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जन्म लिया भारत में भारत ही है घर मेरा भारत का खाना भारत का पानी पीना भारत में जीना भारत में मरजाना भारत भूमि देवताओं की उन्ही का गुण-गान करना जो हैं पाखंडी दम्भी उन का त्रिस्कार करना सनातन धर्म का प्रचार हिन्दू,मुस्लिम,सिख,इसाई, इन चारों को मेरा प्रणाम जो हें विरोधी इनके उनको घुसे-लात