शुक्रवार, 27 नवंबर 2009

ग्रहण

 खण्डग्रास चंद्रग्रहण 31 दिसंबर को 2009 के अंतिम दिन भी ग्रहण






NDहमारे ब्रह्मांड में कुछ ऐसी घटनाएँ होती रहती हैं, जो हमारे बीच कौतूहल का विषय एवं हमारे जीवन में कुछ न कुछ उथल-पुथल कर जाती हैं। वहीं वर्ष 2009 में इस बार 5 ग्रहण पड़े, जिनमें से सबसे बड़ा ग्रहण 22 जुलाई को पड़ा, जिस पर कई शोध भी हुए। जानकारी हो कि इस वर्ष के जाते-जाते भी 31 दिसंबर को खण्डग्रास चंद्रग्रहण पड़ रहा है। कुल मिलाकर इस वर्ष सबसे अधिक ग्रहण पड़े।




जानकारी देते हुए ज्योतिषाचार्य डॉ. एच.सी. जैन ने बताया कि 31 दिसंबर को खण्डग्रास चंद्रग्रहण पड़ेगा, जो वर्ष का अंतिम ग्रहण होगा। यह ग्रहण संपूर्ण भारत में दिखाई देगा। इसका सूतक 30 दिसंबर को दोपहर 3.22 बजे से पड़ेगा। यह खण्डग्रास चंद्रग्रहण रात्रि 12.21 से 1.24 बजे तक रहेगा। उन्होंने बताया कि इस ग्रहण से सोने-चाँदी, पीली वस्तुओं, गेहूँ, सूत, रुई, वस्त्र, तेल, गुड़, शक्कर, लोहे आदि में तेजी आएगी। साथ ही वर्ष का अंतिम ग्रहण होने के कारण आगामी वर्ष मध्यम रहेगा।



वर्ष 2009 में पड़े पाँच ग्रहण




- 26 जनवरी को कंकड़ाकृति सूर्यग्रहण पड़ा। यह ग्रहण पूर्वी-दक्षिणी भारत, उत्तरी-पूर्वी भारत, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र आदि में दिखाई नहीं दिया।

- 9 फरवरी को मंद चंद्रग्रहण पड़ा। इसे उपछाई ग्रहण भी कहा गया। इसका सूतक भारत में मान्य नहीं था।

- 22 जुलाई को खण्डग्रास सूर्यग्रहण पड़ा। जो पूरे भारत में दिखाई दिया। यह ग्रहण वैज्ञानिकों के लिए कौतूहल का विषय रहा और इस पर कई शोध हुए। इसके कारण दिन में रात्रि जैसा आभास हुआ एवं इसका दुष्प्रभाव पूरे भारत में देखने को मिला।

- 6 अगस्त को मंद चंद्रग्रहण पड़ा। यह ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं दिया।

- 31 दिसंबर को खण्डग्रास चंद्रग्रहण पड़ेगा। यह साल का अंतिम ग्रहण होगा। यह संपूर्ण भारत में दिखाई देगा।






NDवर्ष 2010 में पड़ने वाले ग्रहण



* 15 जनवरी- कंकड़ाकृति सूर्यग्रहण



* 26 जून- खण्डग्रास चंद्रग्रहण



* 11 जुलाई- खण्डग्रास सूर्यग्रहण




* 21 दिसंबर- खण्डग्रास चंद्रग्रहण

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

gita

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म लिया भारत में भारत ही है घर मेरा भारत का खाना भारत का पानी पीना भारत में जीना भारत में मरजाना भारत भूमि देवताओं की उन्ही का गुण-गान करना जो हैं पाखंडी दम्भी उन का त्रिस्कार करना सनातन धर्म का प्रचार हिन्दू,मुस्लिम,सिख,इसाई, इन चारों को मेरा प्रणाम जो हें विरोधी इनके उनको घुसे-लात