सोमवार, 15 फ़रवरी 2010

डा.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)



डा.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…
गूगल ने आपके पत्रा को वयस्क बता कर आगंतुकों को सीधे आने से रोक रखा है क्या बात है आप गूगल से इस बारे में पत्रव्यवहार करिए कि क्या धार्मिक बातें लिखना गलत है? सादर 
प्रभु की यही इछा थी |उन का कथन हे कि तुझे यह गीता रूप रहस्य कभी भी तप रहित ,भगती रहित और न सुनने कि इछा वालों तथा मुझ में दोष दृष्टि रखने वालों से तो इसे कभी भी नही कहना चाहिए (देखें अध्याये १८ का ६७ वां श्लोक ) अब आप ही बताएं मुझे क्या करना चाहिए था ?मेने अपने विवेक से ऐसा किया कि प्रभु आप कि इछा से जो क्लिक करे गा वही पडे गा |आप के पास कोई और विकल्प हो तो सुझायं -----धन्यवाद ------गीता 

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gita

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जन्म लिया भारत में भारत ही है घर मेरा भारत का खाना भारत का पानी पीना भारत में जीना भारत में मरजाना भारत भूमि देवताओं की उन्ही का गुण-गान करना जो हैं पाखंडी दम्भी उन का त्रिस्कार करना सनातन धर्म का प्रचार हिन्दू,मुस्लिम,सिख,इसाई, इन चारों को मेरा प्रणाम जो हें विरोधी इनके उनको घुसे-लात